थार के सरहदी गांवों में विकास की नई किरण: मुख्यमंत्री थार सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम

राजस्थान सरकार ने हाल ही में ‘मुख्यमंत्री थार सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ की घोषणा की है। यह कार्यक्रम श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर जिलों के 1206 सरहदी गांवों के विकास पर केंद्रित है। इन गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं की कमी है। यह कार्यक्रम इन क्षेत्रों के लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने और उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करेगा।
कार्यक्रम का उद्देश्य
- बुनियादी सुविधाओं का विकास: शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क और ऊर्जा जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास करना।
- सामाजिक और आर्थिक विकास: कृषि, पशुपालन, कौशल विकास और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देना।
- स्थानीय लोगों की भागीदारी: स्थानीय लोगों को विकास प्रक्रिया में शामिल करना और उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखना।
कार्यक्रम का क्रियान्वयन
- जिला स्तरीय समितियां: कार्यक्रम का क्रियान्वयन और नियंत्रण जिला स्तरीय समितियों द्वारा किया जाएगा। इन समितियों की अध्यक्षता जिला कलेक्टर करेंगे।
- वार्षिक कार्य योजना: प्रत्येक जिले के लिए वार्षिक कार्य योजना तैयार की जाएगी, जिसमें स्थानीय आवश्यकताओं और समस्याओं को ध्यान में रखा जाएगा।
- बजट का आवंटन: कार्यक्रम के लिए आवंटित कुल राशि का 80% जिलों को वार्षिक कार्य योजनाओं के लिए दिया जाएगा। शेष राशि राज्य स्तर पर आरक्षित रहेगी।
श्रीगंगानगर जिले पर विशेष ध्यान
इस कार्यक्रम में श्रीगंगानगर जिले की सात पंचायत समितियों का चयन किया गया है। इन क्षेत्रों में विकास कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
कार्यक्रम का महत्व
- क्षेत्रीय विकास: यह कार्यक्रम सीमावर्ती क्षेत्रों के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- लोगों का जीवन स्तर: इससे इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था: यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
‘मुख्यमंत्री थार सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ राजस्थान के सरहदी गांवों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह कार्यक्रम इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा और उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ेगा।