प्रतिदिन बच्चों को प्यार से जगायें व उन्हें बासी मुँह पानी पीने की आदत डालें |

सुबह उठना बच्चों के लिए मुश्किल हो सकता है। उन्हें जगाने के लिए आप प्यार से बात कर सकते हैं और उन्हें कुछ मजेदार कह सकते हैं। आप उन्हें गाने भी सुना सकते हैं या उन्हें उनके पसंदीदा कार्टून दिखा सकते हैं।

जब बच्चे उठ जाएं, तो उन्हें बासी मुँह पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें। बासी मुँह पानी पीने से मुंह में मौजूद बैक्टीरिया कम हो जाते हैं, जो दांतों की सड़न और सांस की बदबू को रोकने में मदद करते हैं।

चाय की जगह ताजा दूध उबालें व गुनगुना होने पर बच्चों को दें |

दूध बच्चों के लिए एक स्वस्थ और पौष्टिक पेय है। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो बच्चों के विकास और विकास के लिए आवश्यक हैं।

चाय में कैफीन होता है, जो बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए, बच्चों को चाय की जगह दूध देना बेहतर है।

सुबह नाश्ते में तले हुए पदार्थों की जगह उबले चने, अंकुरित मूँग, मोठ व चने की चाट बनायें |

तले हुए पदार्थ बच्चों के लिए स्वस्थ नहीं होते हैं। वे वसा और कैलोरी में अधिक होते हैं, जो बच्चों को मोटापे का शिकार बना सकते हैं।

उबले चने, अंकुरित मूँग, मोठ और चने की चाट एक स्वस्थ और पौष्टिक नाश्ता विकल्प है। इसमें प्रोटीन, फाइबर और विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

सब्जियों का उपयोग करने से पहले उन्हें २ – ३ बार पानी से धो लें |

सब्जियों में कीटनाशक और अन्य हानिकारक पदार्थ हो सकते हैं। इसलिए, उन्हें खाने से पहले अच्छी तरह से धोना जरूरी है।

छीलते समय पतला छिलका ही उतारें क्योंकि छिलके व गुदे के बीच की पतली परत ‘विटामिन बी’ से भरपूर होती है |

सब्जियों के छिलके में विटामिन और खनिज भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए, छिलके को छीलते समय पतला छिलका ही उतारें।

सब्जियों को जरूरत से अधिक देर तक न पकायें, नहीं तो उनके पोषक तत्त्व नष्ट हो जायेंगे |

सब्जियों को ज्यादा देर तक पकाने से उनके पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। इसलिए, सब्जियों को कम समय तक पकाएं।

पत्तेदार हरि सब्जियों से मिलनेवाले लौह (आयरन) तथा खनिज लवणों (मिनरल साँल्ट्स) की कमी को कैप्सूल व दवाईयों के रूप से पूर्ति करने से बेहतर है कि इनको अपने भोजन में शामिल करें |

पत्तेदार हरि सब्जियां लौह और खनिजों का एक अच्छा स्रोत हैं। बच्चों को स्वस्थ रहने के लिए इन सब्जियों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।

सप्ताह में १ – २ दिन पत्तेदार हरि सब्जियाँ जैसे पालक, मेथी, मूली के पत्ते, चौलाई आदि की सब्जी जरुर खायें | इस सब्जियों को छिलकेवाली दलों के साथ भी बना सकते हैं क्योंकि दालें प्रोटीन का एक बड़ा स्त्रोत हैं |

पत्तेदार हरि सब्जियां बच्चों के लिए एक स्वस्थ और पौष्टिक विकल्प हैं। उन्हें सप्ताह में कम से कम एक बार खाना चाहिए।

चावल बनाते समय माँड न निकालें |

चावल की भूसी में फाइबर और अन्य पोषक तत्व होते हैं। इसलिए, चावल बनाते समय माँड न निकालें।

चोकरयुक्त रोटी साधारण रोटी की तुलना में अधिक ऊर्जावान होती है | आता हमेशा बड़े छेदवाली छन्नी से ही छानें |

चोकरयुक्त रोटी साधारण रोटी की तुलना में अधिक पौष्टिक होती है। इसे बनाने के लिए आटे को बड़े छेदवाली छन्नी से छानना चाहिए।

दाल व सब्जी में मिठास लानी हो तो शक्कर की जगह गुड डालें क्योंकि गुड़ में ग्लुकोज, लौह-तत्त्व, कैल्सियम व केरोटिन होता है | यह खून की मात्रा बढ़ाने के साथ – साथ हड्डियों को भी मजबूत बनाता है |

गुड़ एक स्वस्थ और प्राकृतिक मिठास है। इसे शक्कर के बजाय इस्तेमाल किया जा सकता है।

जहाँ तक सम्भव हो सभी खट्टे फल कच्चे ही खायें व खिलायें क्योंकि आँवले को छोडकर सभी खट्टे फलों व सब्जियों का ‘विटामिन सी’ गर्म करने पर नष्ट हो जाता है |

खट्टे फल विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत हैं। उन्हें कच्चा खाना चाहिए क्योंकि गर्म करने पर विटामिन सी नष्ट हो जाता है।

भोजन के साथ सलाद के रूप में ककड़ी, टमाटर, गाजर, मूली, पालक, चुकंदर, पत्ता गोभी आदि खाने की आदत डालें | ये आँतों की गति को नियमित रखकर रोगों की जड़ कब्जियत से बचायेंगे |

सलाद एक स्वस्थ और पौष्टिक भोजन है। इसमें फाइबर और विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

दिनभर में डेढ़ से दो लीटर पानी पियें…

बच्चों को स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। दिन में कम से कम डेढ़ से दो लीटर पानी पीना चाहिए।

निष्कर्ष

बच्चों को स्वस्थ और खुश रखने के लिए उनके आहार में स्वस्थ भोजन शामिल करना महत्वपूर्ण है। उपरोक्त सुझावों का पालन करके, आप अपने बच्चों को स्वस्थ और खुश रखने में मदद कर सकते हैं।

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