जिसकी आबादी ज्यादा, उसे कैसे मान सकते हैं अल्पसंख्यक?’, मुसलमानों को लेकर सीटी रवि का सवाल

कर्नाटक में मुसलमानों को अल्पसंख्यक का दर्जा देने पर विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सीटी रवि ने सवाल उठाया है कि राज्य में दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले मुसलमानों को अल्पसंख्यक कैसे माना जा सकता है? उन्होंने यह भी कहा कि जाति जनगणना कराने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है, न कि राज्य सरकार के पास।

सीटी रवि ने कहा कि मुस्लिम समुदाय में 56 जातियां हैं और छुआछूत भी है, लेकिन इस पर कोई चर्चा नहीं करता है। उन्होंने रविवार (13 अप्रैल, 2025) को कहा, “हिंदुओं को बांटते हैं और सभी मुसलमानों को एक ग्रुप मानते हैं। ऐसी नीति का हम समर्थन नहीं करते। सामाजिक न्याय भाजपा की प्रतिबद्धता है।”

जाति जनगणना को लेकर कांग्रेस पर हमला

सीटी रवि ने जाति जनगणना रिपोर्ट आधिकारिक रूप से जारी न करने के लिए कांग्रेस सरकार की आलोचना की। उन्होंने सवाल उठाया कि राज्य में दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला समुदाय अल्पसंख्यक कैसे हो सकता है। आरक्षण को लेकर उन्होंने कहा कि जब इससे जुड़ा मामला अदालत में चल रहा था, तब केंद्र सरकार ने पदोन्नति आधारित आरक्षण के पक्ष में हलफनामा दाखिल किया था। उन्होंने कहा कि इससे आरक्षण के प्रति भाजपा की प्रतिबद्धता का पता चलता है।

‘सीएए की तरह वक्फ को लेकर भी गलत प्रचार कर रही कांग्रेस’

भाजपा नेता ने कहा, “भाजपा कभी भी समाज को बांटने के दुर्भावनापूर्ण इरादे का समर्थन नहीं करेगी। कुछ लोग हिंदू समाज को जाति के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस वक्फ संशोधन अधिनियम के बारे में गलत सूचना फैला रही है, जैसा कि उसने पहले सीएए के साथ किया था। इस तरह के रुख कांग्रेस पार्टी के राष्ट्र-विरोधी रुख हैं।”

उन्होंने पूछा, “वे वक्फ अधिनियम के बारे में गलत प्रचार कर रहे हैं। कोई भी अवैध रूप से उस जमीन पर कब्जा नहीं करेगा जो वक्फ की है, लेकिन किसी भी अतिक्रमण वाली संपत्ति को छोड़ना होगा। वे किसानों की जमीन और यहां तक ​​कि हजारों साल पुराने मंदिर की जमीन पर भी अपना दावा करते हैं। ऐसी संपत्तियां वापस की जानी चाहिए। क्या उन्हें विधान सौधा, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट को भी अपना दावा करने की अनुमति दी जानी चाहिए?”

मुसलमानों को अल्पसंख्यक का दर्जा क्यों?

भारत के संविधान के अनुसार, अल्पसंख्यक वे समुदाय हैं जिनकी जनसंख्या राज्य या देश में बहुमत में नहीं है। मुसलमानों को राष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त है। हालांकि, कर्नाटक में, वे राज्य की दूसरी सबसे बड़ी आबादी हैं।

सीटी रवि का तर्क है कि जब मुसलमान राज्य में दूसरी सबसे बड़ी आबादी हैं, तो उन्हें अल्पसंख्यक का दर्जा कैसे दिया जा सकता है? उनका यह भी तर्क है कि मुस्लिम समुदाय में कई जातियां हैं और छुआछूत भी है, इसलिए उन्हें एक समूह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।

जाति जनगणना का मुद्दा

सीटी रवि ने जाति जनगणना के मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना कराने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है, न कि राज्य सरकार के पास। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर जाति जनगणना रिपोर्ट को आधिकारिक रूप से जारी न करने का आरोप लगाया।

भाजपा का रुख

भाजपा का कहना है कि वह कभी भी समाज को बांटने वाली राजनीति नहीं करती है। पार्टी का मानना ​​है कि सभी समुदायों को समान अधिकार मिलने चाहिए। भाजपा ने मुसलमानों के लिए आरक्षण का विरोध किया है।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने सीटी रवि के आरोपों का खंडन किया है। पार्टी का कहना है कि मुसलमानों को अल्पसंख्यक का दर्जा संविधान द्वारा दिया गया है। कांग्रेस ने भाजपा पर समाज को बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाया है।

विवाद का निष्कर्ष

मुसलमानों को अल्पसंख्यक का दर्जा देने और जाति जनगणना कराने के मुद्दे पर विवाद अभी भी जारी है। यह देखना बाकी है कि इस मुद्दे पर आगे क्या होता है।

अतिरिक्त जानकारी

  • भारत के संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 अल्पसंख्यकों को अपनी संस्कृति और शिक्षा को संरक्षित करने का अधिकार देते हैं।
  • राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 के तहत, केंद्र सरकार ने छह समुदायों – मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, पारसी और जैन को अल्पसंख्यक के रूप में अधिसूचित किया है।
  • कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1995 के तहत, राज्य सरकार ने मुसलमानों, ईसाइयों, जैनियों, सिखों और बौद्धों को अल्पसंख्यक के रूप में अधिसूचित किया है।

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