आज का हिन्दू पंचांग – १८ मार्च २०२५

आज का शुभ मुहूर्त और गोदुग्ध के अमृतमय लाभ

आज का हिन्दू पंचांग – १८ मार्च २०२५

भारतीय संस्कृति में पंचांग का विशेष महत्व है। यह न केवल तिथि, वार, नक्षत्र आदि की जानकारी देता है, बल्कि शुभ-अशुभ समय का भी ज्ञान कराता है, जिससे हम अपने महत्वपूर्ण कार्यों को सही समय पर संपन्न कर सकें। आज, १८ मार्च २०२५, के पंचांग के अनुसार, कई महत्वपूर्ण बातें जानने योग्य हैं।

पंचांग:

  • दिनांक: १८ मार्च २०२५
  • दिन: मंगलवार
  • विक्रम संवत्: २०८१
  • अयन: उत्तरायण
  • ऋतु: बसन्त
  • मास: चैत्र
  • पक्ष: कृष्ण
  • तिथि: चतुर्थी (रात्रि १०:०९ तक, तत्पश्चात् पञ्चमी)
  • नक्षत्र: स्वाति (शाम ०५:५२ तक, तत्पश्चात् विशाखा)
  • योग: व्याघात (शाम ०४:४४ तक, तत्पश्चात् हर्षण)
  • राहुकाल: दोपहर ०३:४९ से शाम ०५:१९ तक
  • सूर्योदय: ०६:४९
  • सूर्यास्त: ०६:४६
  • दिशा शूल: उत्तर दिशा में
  • ब्राह्ममुहूर्त: प्रातः ०५:१० से प्रातः ०५:५८ तक
  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर १२:२४ से दोपहर ०१:१२ तक
  • निशिता मुहूर्त: रात्रि १२:२३ (१९ मार्च) से रात्रि ०१:११ (१९ मार्च) तक
  • व्रत पर्व विवरण: मंगळवारी चतुर्थी (सूर्योदय से रात्रि १०:०९ तक)
  • विशेष: चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः २७.२९-३४)

आज मंगळवारी चतुर्थी है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की पूजा के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने से विघ्नहर्ता गणेश सभी संकटों को दूर करते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। विशेष रूप से, आज के दिन मूली का सेवन वर्जित है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे धन की हानि होती है।

अमृततुल्य गोदुग्ध के अनुपम लाभ (भाग-१)

भारतीय संस्कृति में गाय को माता का दर्जा दिया गया है और उसका दूध अमृत के समान माना जाता है। आयुर्वेद में गोदुग्ध को एक संपूर्ण आहार और औषधि के रूप में वर्णित किया गया है। यह न केवल पोषण प्रदान करता है, बल्कि कई रोगों से भी रक्षा करता है।

गोदुग्ध की विशेषताएँ:

  1. उत्तम खाद्य पदार्थ: गोदुग्ध को सभी खाद्य पदार्थों में श्रेष्ठ माना जाता है। इसे पचाने में कम ऊर्जा लगती है और यह शरीर की सभी धातुओं की वृद्धि करता है। इसका मधुर रस शरीर को पोषण देता है।
  2. प्रकृति-प्रदत्त रसायन: आयुर्वेद में गोदुग्ध को प्रकृति द्वारा प्रदत्त रसायन (टॉनिक) माना गया है, जो दुर्बल और रोगियों को नया जीवन प्रदान करता है। यह शरीर को ऊर्जा और शक्ति देता है।
  3. पोषक तत्वों से भरपूर: गोदुग्ध पोषक तत्वों से भरपूर और सात्विक होता है, इसलिए यह माँ के दूध के बाद बच्चों के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। यह बच्चों के शरीर को अच्छी तरह पोषित करता है और उन्हें स्वस्थ बनाता है।
  4. ओजवर्धक: गोदुग्ध में ओज के दस गुण होते हैं, जो जीवनीय शक्ति को बढ़ाते हैं। यह रोगी मनुष्य को सबल और पुष्ट करता है और वृद्धावस्था को दूर रखता है।
  5. मस्तिष्क और ज्ञानतंतुओं के लिए उत्तम: गोदुग्ध मस्तिष्क और ज्ञानतंतुओं को पोषण देकर बुद्धि, स्मृति, बल और स्फूर्ति बढ़ाने में सहायक होता है। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।
  6. वात-पित्तशामक: गोदुग्ध वात और पित्त से उत्पन्न रोगों को शांत करता है। यह क्षयरोग (टी.बी.), पुराना बुखार, पेट के रोग, योनिरोग, मूत्रकृच्छ (पेशाब में जलन और रुकावट), रक्तपित्त (शरीर के किसी भाग से खून निकलना), भूख-प्यास की अधिकता, मानसिक रोग और थकान को दूर करने में मदद करता है।
  7. बालक, वृद्ध और कम वजन वालों के लिए हितकर: बालक, वृद्ध और कम वजन वाले व्यक्तियों के लिए गोदुग्ध का सेवन अत्यंत लाभकारी है। यह शीघ्र ही वीर्य की वृद्धि करता है और वीर्य को गाढ़ा बनाता है।
  8. विटामिन और खनिजों का स्रोत: गोदुग्ध के नियमित सेवन से शरीर के विकास के लिए आवश्यक विटामिन ए, बी1, बी2, बी3, बी6, बी12 और डी के साथ कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे खनिज तत्वों की पूर्ति आसानी से हो जाती है।
  9. प्रोटीन से भरपूर: गोदुग्ध में प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है। प्रोटीन शरीर में नई कोशिकाओं का निर्माण करके शरीर की वृद्धि और विकास में सहायक होता है।
  10. कफ-शमन: जिन लोगों को कफ की समस्या है, उन्हें कफ को शांत करने के लिए दूध में २-३ काली मिर्च और आधा से एक ग्राम सोंठ का चूर्ण मिलाकर सेवन करना विशेष रूप से लाभकारी होता है।

गोदुग्ध सात्विक होने के कारण बुद्धि को अच्छे विचार और अच्छे कर्मों की ओर प्रवृत्त करता है। इससे शुद्ध भावनाएं उत्पन्न होती हैं। इन सभी गुणों के कारण इसे ‘धरा का अमृत’ कहा जाता है। इसलिए, मनुष्यों को प्रतिदिन गाय के शुद्ध दूध का सेवन करना चाहिए।

सावधानी: नया बुखार, त्वचा रोग, दस्त, कृमि, गठिया, दमा (अस्थमा), खांसी आदि कफ-संबंधी और आमजनित समस्याओं में दूध का सेवन नहीं करना चाहिए।

पंचांग हमें समय के महत्व को समझने और उसके अनुसार अपने कार्यों की योजना बनाने में मदद करता है। वहीं, गोदुग्ध के लाभों को जानकर हम स्वस्थ और दीर्घायु जीवन जी सकते हैं। आज के पंचांग और गोदुग्ध के लाभों को अपने जीवन में अपनाकर हम एक संतुलित और समृद्ध जीवन जी सकते हैं।

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